ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं
तू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे खोया नहीं
- मुनीर नियाज़ी
ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं
तू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे खोया नहीं
- मुनीर नियाज़ी
जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तुजू क्या है
- मिर्ज़ा ग़ालिब
ये नहीं देखते कितनी है रियाज़त किस की,
लोग आसान समझ लेते हैं आसानी को
- अज़हर फ़राग़
ग़ालिब बुरा न मान जो वाइज़ बुरा कहे,
ऐसा भी कोई है कि सब अच्छा कहें जिसे।
- मिर्ज़ा ग़ालिब
या रब वो न समझे हैं, न समझेंगे मेरी बात
दे और दिल उनको, जो न दे मुझको ज़बान और
- मिर्ज़ा ग़ालिब
या तो किसी को जुरअत-ए-दीदार ही न हो
या फिर मिरी निगाह से देखा करे कोई
- असरार-उल-हक़ मजाज़
कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी
कुछ मुझे भी ख़राब होना था
- असरार-उल-हक़ मजाज़
आवारा ओ मजनूँ ही पे मौक़ूफ़ नहीं कुछ
मिलने हैं अभी मुझ को ख़िताब और ज़ियादा
- असरार-उल-हक़ मजाज़
Dilon ki imarton mein kahin bandagi nahin
Pathar ki masjid mein khuda dhundhte hain log
- अल्लामा इक़बाल
In English We Says;
“You got beautiful eyes”
But in Urdu We Says;
“teri surat se hai aalam mein bahaaron ko sabaat, teri aankhon ke siwa duniya mein rakkha kya hai”
When Faiz Ahmad Faiz wrote;
“Jaanta hai ki woh na aayenge, phir bhi masroof e intezar hai dil.”
And when Tehzeeb Hafi said;
“Usi jagah par jahan kayi raste milengey, palat ke aaye tou sab se pehle tujhe milengey.”
When Faiz Ahmad Faiz Said;
Aaye tou youn ki jaise hamesha the mehrban, bhule tou youn ki goya kabhi aashna na thay.
Jo Tu Nahi Hai To Ye Mukammal Na Ho Sakengi
Teri Yahi Ahmiyat Hai Meri Kahaniyon Main